इस आर्टिकल में मैं आपको कंप्यूटर की पूरी जानकारी हिंदी में दूंगा। इस आर्टिकल में ये भी बताऊंगा की computer ka full form kya hai, Parts of computer in hindi, Generation of computer in hindi, Types of computer in hindi और computer का उपयोग कहाँ-कहाँ होता है?
क्या आपको पता है Computer क्या है, क्या आप computer के बारे में अच्छे से जानते हैं या आप जानते भी हैं तो थोड़ा-थोड़ा। दोस्तों अगर यैसा है तो आपको बिलकुल घबराने की जरुरत नहीं है क्यों की आज मैं आपको कंप्यूटर की Basic to advance की पूरी जानकारी हिंदी में एक ही आर्टिकल Computer क्या है में देने वाला हूँ।
अगर आप अच्छे से सुरु से अंत तक इस आर्टिकल Computer क्या है को पढ़ लिए तो मैं दावा से कह सकता हूँ की आपको computer की basic to advance पूरी जानकारी मिल जाएगा।
इस आर्टिकल में आपको मैं और भी बहुत कुछ बताया हूँ। आप इस आर्टिकल Computer क्या है को शुरू से लास्ट तक पढेंगे तो आपको computer के बारे में सब कुछ समझ आजायेगा।
दोस्तों अगर कोई आपको कंप्यूटर के बारे में पूछता है तो सबसे पहले यही पूछता है की Computer क्या है या what is computer in hindi, तो चलिए अब हम जान लेते है की कंप्यूटर क्या है?
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Computer क्या है? | What is computer in hindi

कंप्यूटर एक इलेक्ट्रॉनिक यंत्र (Device) या मशीन (Machine) है जो डेटा को जानकारी (Information) में परिवर्तित (Convert) करता है। आसान भाषा में कहे तो कंप्यूटर एक यैसा इलेक्ट्रॉनिक मशीन है जो user द्वारा दिए गए निर्देशों को इनपुट के रूप में data प्राप्त करता है, फीर processor में processing करता है और उस data को Information में बदल कर आउटपुट देता है।
Computer शब्द का उत्पन English की COMPUTE word से हुवा है जिसका सही अर्थ “गन्ना करना” होता है। लेकिन अभी के digital युग में कंप्यूटर उपयोग सिर्फ गन्ना करने लिए ही नहीं किया जाता है बल्कि बहुत सारे कामों को करने के लिए किया जाता है।
कंप्यूटर उच्च संग्रह क्षमता (High storage capacity), गति (Speed), स्वचालन (Automation), क्षमता (Capacity), शुद्धता (Accuracy), सार्वभोमिकता (Versatility) और विश्वसनीयता (Reliability) आदि गुणों के कारण हमारे जीवन की सभी क्षेत्र में बहुत महत्वपूर्ण होता जा रहा है।
आप अपने कंप्यूटर में Information को future के लिए store कर के भी रख सकते है जिसे आप बाद में देख सकते है। आप documents type करने, ईमेल भेजने, गेम खेलने और internet पर कुछ खोजने आदि कामो के लिए कंप्यूटर का उपयोग कर सकते हैं।
दोस्तों अब आप ये समझ गए होंगे की Computer kya hai अब आप जानेंगे की डेटा क्या होता है या डेटा किसे कहा जाता है?
डेटा (Data) क्या होता है ?
डेटा एक प्रकार से किसी संख्या, तथ्य या आंकड़ों को ही कहा जाता है , जैसे 100, 50, 40 ये सब एक नंबर या डेटा है। अगर इसके आगे हम Rs (Rupees) लगा देते हैं तो ये एक इनफार्मेशन हो जाता है। फिर ये हमे बताता है की इस देता का इतना मूल्य (Value) है। उदहारण के लिए Rs 50, Rs 100 ,Rs 500 अदि।
Computer Hardware and Software kya hai?
इस आर्टिकल Computer kya hai में कंप्यूटर के बारे में आगे बात करने से पहले हम ये जान लेते हैं की कंप्यूटर की वो कौन सी दो घटक है जिसमे से किसी एक के अनूपस्थित में कंप्यूटर को उपयोग करना संभब नहीं होता है।
Computer Hardware क्या है?
कंप्यूटर में उपस्थित वे सभी भौतिक तत्व (Physical Elements) जिसे आप देख सकते हैं और छू सकते है उसे Hardware कहा जाता है। हार्डवेयर के अंतर्गत Monitor, Keyboard, Mouse, Motherboard, RAM, Printer, Harddisk आदि उपकरण आता है।
हार्डवेयर एक समूह होता है जिसे मिलाकर ही कंप्यूटर बनाया जाता है। हार्डवेयर के सभी elements को मिलाने से ही कंप्यूटर पूर्ण रूप धारण करता है नहीं तो हार्डवेयर के बिना कंप्यूटर का कोई अस्तित्व नहीं है।
Parts of Computer Hardware
कंप्यूटर हार्डवेयर को दो भागो में बांटा गया है पहला Internal Hardware और दूसरा External Hardware के नाम से जाना जाता है।
1. Internal Hardware
Internal Hardware कंप्यूटर का आंतरिक घटक होता है जो दिखाई नहीं देता है क्योंकि ये कंप्यूटर system के internal भाग में होता है, इसे देखने के लिए कंप्यूटर system यानि कैबिनेट को खोलना परता है तभी आप इसे देख सकते है। कंप्यूटर के सभी internal hardware निम्नलिखित है-
- Motherboard
- RAM (Random Access Memory)
- ROM (Read Only Memory)
- CPU (Central Processing Unit)
- Hard-Disk
- SMPS (Switched Mode Power Supply)
- Heat Sink
- Graphic Card
2. External Hardware
External hardware कंप्यूटर की बाहरी घटक होता है, जिसे हम आसानी से देख और छू सकते है। External hardware को पेरिफेयर कंपोनेंट्स भी कहा जाता है। External hardware में Input device और Output device सामिल होता है जो निम्नलिखित है-
- Monitor
- Mouse
- Keyboard
- Printer
- Speaker
- UPS (Uninterruptible Power Supply)
Computer Software क्या है?
कंप्यूटर सॉफ्टवेर कंप्यूटर का एक program होता है जिसे छु नहीं सकते है, कंप्यूटर software केबल को देख सकते है और महसूस कर सकते हैं। जब तक कंप्यूटर system में software नहीं डालेंगे तो कंप्यूटर काम नहीं करेगा यानि software के बिना कंप्यूटर hardware खाली डब्बा है जिसका उपयोग software के बिना नहीं किया जा सकता है।
हार्डवेयर को चलाने के लिए आपको निर्देश के सेट की आवश्यकता होती है जिसे software के रूप में जाना जाता है। software कंप्यूटर के संचालन को नियंत्रित करता है। कंप्यूटर को चलाने के लिए यैसे बहुत से software उपलब्द है जो निम्नलिखित है-
- Windows
- Media Player
- Microsoft office
- Internet Explorer
- Google Chrome
कंप्यूटर का अविष्कार किसने किया?
आधुनिक कंप्यूटर को कोई एक लोग नहीं बनाया है वल्कि इसे बनाने में कई लोगो का योगदान है। क्योंकि Charles Babbage ने 1837 में Analytical Engine नाम के गणना मशीन बनाया था और इस Analytical Engine का आधुनिक कंप्यूटर को बिकसित करने में सबसे बरा योगदान है इसलिए आधुनिक कंप्यूटर का जनक Charles Babbage को कहा जाता है।

Analytical Engine में ALU, Basic Flow Conrol और Integrated memory की concept को लागु की गयी थी। इस मॉडल को ही base करके अभी के कंप्यूटर को design किया गया है।
कंप्यूटर कैसे कार्य करता है?
कंप्यूटर तीन Step कार्य करता है Input, Process और Output.
Input वो Step है जिसमे उपयोगकर्ता Input Device के द्वारा Data के रूप में कंप्यूटर को निर्देश देता है। ये Data कोई Letter, picture या video हो सकता है।
Process वो Step है जिसमें उपयोगकर्ता के द्वारा Input किये गए Data को CPU के द्वारा Processing करके Information में बदला जाता है जो output के लिए ready हो जाता है। ये पुरा process internal होता है।
Output वो Step है जिसमें CPU के द्वारा ready किये गए Information को प्रदर्शित किया जाता है। Output किसी Document की शॉपट् कॉपी, Music या Video के फॉर्म में हो सकता है। आप चाहे तो उस data को future के लिए में System में Save करके भी रख सकते हैं। System में Data को store करके रखने के लिए Storage device लगा होता है।
Computer का फुल फॉर्म क्या है ?
दोस्तों आप लोगो को पता होगा की Computer का स्पेलिंग COMPUTER होता है जिसका पूरा नाम है –
C – Commonly | आमतौर पर |
O – Operated | संचालित |
M – Machine | मशीन |
P – Particularly | विशेष रूप से |
U – Used For | काम के लिए |
T – Technical | तकनिकी |
E – Education | शिक्षा |
R – Research | अनुसंधान |
Commonly Operated Machine Particularly Used for Technical Education Research
इसका मतलब होता है की आमतौर पर संचालित विशेष रूप से तकनीकी शिक्षा अनुसंधान के लिए उपयोग की जाने वाली मशीन.
Types of Computer in hindi – कंप्यूटर का प्रकार
जब कोई भी लोग कंप्यूटर के बारे में सुनता है तो उसके Mind में Desktop और Laptop का छबि बन जाता है। लेकिन आपको पता होना चाहिए की Desktop और Laptop के सिवा और भी बहुत सारे कंप्यूटर है जिसका हम लोग रोजमर्रा की जीवन उपयोग करते हैं।
जब आप दुकान में समान की बार कोड scan करते हैं, जब आप ATM से पैसे निकालते हैं और जब आप Calculator का उपयोग करते हैं तो आप एक प्रकार का कंप्यूटर का ही उपयोग करते हैं। तो चलिये अब जान लेते हैं की कंप्यूटर कितने प्रकार का होता है।
Desktop Computer
Desktop कंप्यूटर को डेस पर रख कर काम करने के लिए design किया गया है। Desktop कंप्यूटर को स्कूल, कॉलेज, हॉस्पिटल, घर और ऑफिस वर्क के लिए उपयोग किया जाता है।

Desktop कंप्यूटर का कई पार्ट होता है जैसे- Monitor, Computer Case, Mouse, Keyboard आदि।
Laptop Computer
Laptop computer के बारे में लगभग आप लोग जानते ही होंगे। Laptop कंप्यूटर को आम तौर पर Laptop कहा जाता है।

Laptop एक Battery संचालित कंप्यूटर है जो Desktop से ज्यादा Portable है। Laptop को आप कहीं भी उपयोग कर सकते हैं और कहीं भी आसानी से लेकर आ-जा सकते हैं।
Tablet Computer
Tablet को handheld कंप्यूटर नाम से भी जाना जाता है। Tablet कंप्यूटर तो Laptop कंप्यूटर से भी ज्यादा Portable है।
Tablet में Keyboard और Mouse की जगह टच संबेदनशील screen लगाया गया है जिसका उपयोग Typing और Navigation के लिए किया जाता है। उदाहरण के लिए जैसे iPAD है।
Servers Computer
Server एक यैसा कंप्यूटर है जिसका उपयोग Information को आदान प्रदान करने के लिए किया जाता है। server किसी network पर अन्य कंप्यूटर को data, संसाधन और service प्रदान करता है।

जब भी आप इंटरनेट पर कोई चीज search करते हैं तो आपके सामने दिखाये गये result किसी ना किसी server पर ही store किया गया होता है।
अन्य प्रकार का कंप्यूटर
Smart Phone
Smart Phone एक प्रकार का Handheld computer है जिसे आप एक हाथ में पकर कर use कर सकते हैं। Smartphone में कॉल करने, Massage भेजने और Internet use करने जैसे कई सुविधाएं उपलब्ध होती है।
Smartphone में टच-स्क्रीन तकनीक का use होता है इस device को display पर उँगलियों से टच करके चलाया जाता है।
पहनने योग्य
यैसे कंप्यूटर जो आप पहन सकते है। आपतौर पर कलाई में पहनने वाले Smart Watch और Fitnes Tracking बैंड आदि पहनने योग्य कंप्यूटर की category में आता है। Smart phone में उपस्थित अधिकांश features इस device में दिए गए होते हैं।
Video Game Console
Video game console एक gaming बॉक्स है जिसे monitor या TV से connect करके आप gaming का मजा ले सकते है। वैसे तो सामान्य PC में भी Gaming किया जा सकता है लेकिन बेहतर gaming अनुभब के लिए आप console का उपयोग कर सकते हैं, क्योंकि इसे विशेष रूप से video gaming के लिए ही design किया गया ह।
Smart TV
अभी के समय में यैसे Smart TV आ गए हैं जिसमे एक साथ कई सारे सुबिधायें दी गयी है। अभी के स्मार्ट टीवी में आप सिर्फ फिल्मे ही नहीं देख सकते हैं वल्कि और भी बहुत कुछ कर सकते हैं, जैसे Email पढ सकते हैं, Internet चला सकते हैं, YouTube पर Online Movie और अपने पसंद के टीवी show देख सकते हैं।
Use of Computer in hindi – कंप्यूटर का उपयोग कहां कहां होता है?
आज की डिजिटल युग में कंप्यूटर का उपयोग हर जगह और हर काम में होता है। आज के युग में सारे लोगो के पास कंप्यूटर है। जो युवा वर्ग होते है उनके पास तो कंप्यूटर होता ही है, लेकिन आज के युग में तो वो लोग भी कंप्यूटर रखते है जिसे कंप्यूटर चलना भी नहीं आता।
लेकिन अशिक्षित लोग सिर्फ हैंडहेल्ड कंप्यूटर (Handheld Computer) ही रखते हैं जिसे सिंपल भाषा में मोबाइल कहते है। इस तरह आज सब लोग कंप्यूटर का उपयोग करते हैं। तो चलिए अब कुछ यैसे जगहों के बारे में जान लेते हैं जहाँ कंप्यूटर का प्रॉपर उपयोग किया जाता है।
शिक्षा (Edication) की क्षेत्र में कंप्यूटर का उपयोग
स्कूलों में कंप्यूटर का उपयोग बच्चों को कंप्यूटर सीखने के लिए किया जाता है। कॉलेज में स्टूडेंट को प्रोजेक्ट के बारे सिखाने के लिए कंप्यूटर का उपयोग किया जाता है या फिर कॉलेज की डेटा और कॉलेज की पर्सनल काम के लिए भी कंप्यूटर का उपयोग किया जाता है। विश्यविद्यालय में कंप्यूटर का उपयोग स्टुडें का मार्क्सशीट या सर्टिफिकेट बनाने के लोए किया जाता है और यूनिवर्सिटी की डेटा स्टोर करने के लिए भी कम्प्युटर का उपयोग किया जाता है।
सिक्षा में कंपूटर का बहुत ज्यादा महत्व है। अभी के समय में किसी स्टूडेंट को किसी चीज की जानकारी चाहिए तो वो बहुत कम समय में जानकारी प्राप्त कर लेता है। अभी आप घर बैठे अपने किसी भी Exam का online तैयारी कर सकते हैं।
Police Station में कंप्यूटर का उपयोग
पुलिस स्टेशन में डेटा स्टोर करके रखने के लिए और किसी को ट्रैक करने के लिए भी कंप्यूटर उपयोग किया है।
Railway Station में कंप्यूटर का उपयोग
रेलवे स्टेशन में कंप्यूटर का उपयोग टिकेट काटने के लिए किया जाता है।
Air Ports पर कंप्यूटर का उपयोग
हवाई अड्डा में कंप्यूटर का उपयोग billing और customer का data store करने के लिए किया जाता है.
स्वास्थ और दवाई (Health & Medicine) के क्षेत्र में कंप्यूटर का उपयोग
कंप्यूटर की मदद से आज कल मरीजों का इलास बहुत आसानी से हो जाता है। अभी के समय में सभी चीज digital हो गयी है जिससे बरी आसानी से मरीजों के रोग के बारे में पता चल जाता है और उसका सही इलाज हो पाता है। कंप्यूटर के माध्यम से ओपरेशन करना भी आसान हो गया है।
Hospital में computer का उपयोग Billing करने के लिए और Patient का data store कर रखने के लिए भी किया जाता है।
विज्ञान के क्षेत्र में कंप्यूटर का उपयोग
ये तो आप सब लीग जानते हैं की कंप्यूटर science का ही देन है। कंप्यूटर की मदद से किसी चीज को research करने में बहुत आसानी होता है। अभी एक Collaboratory के नाम से एक नया trend चल रहा है जिससे कंप्यूटर की मदद से दुनिया की सारी scientist एक साथ मिलकर काम कर सकते हैं चाहे वो scientist किसी भी देश में रहे।
व्यापर (Business) के क्षेत्र में कंप्यूटर का उपयोग
अभी के समय में व्यापार में कंप्यूटर का बहुत अधिक महत्व हो गया है क्योंकि सब कुछ digital होने की बजह से किसी काम को बहुत फ़ास्ट किया जाता है। व्यापर में कंप्यूटर का उपयोग Online marketing करने, Stock manage करने, Billing करने, Customer की जानकारी रखने और भी बहुत सी कामों के लिए किया जाता है।
मनोरंजन (Entertenment) के क्षेत्र में कंप्यूटर का उपयोग
बहुत लोग entertainment के लिए भी कंप्यूटर का उपयोग करते हैं जैसे कंप्यूटर entertainment का एक नया अड्डा सा बन गया है। लोग घर बैठे कंप्यूटर के माध्यम से मनोरंजन करते रहते हैं जैसे Movies, Sports, Games से entertainment करते रहते हैं।
सेना (Defense) में कंप्यूटर का उपयोग सेना में भी कंप्यूटर का उपयोग बढ़ गया है। कंप्यूटर की मदद से अब हमारे सेना और भी ज्यादा सशक्त को गया है क्योंकि अभी के समय में सभी चीजों को कंप्यूटर के मदद से control किया जाता है।
Computer की सिद्धांत क्या है?
जिस तरह हम सब का कुछ ना कुछ सिद्धांत होता है उसी तरह कंप्यूटर का भी सिंद्धांत होता है। जिस तरह आप और हम काम करते हैं उसी तरह कंप्यूटर भी काम करता है।
जैसे – आपको कोई कुछ पूछता है तो आप पहले उसको सुनते हैं फिर आप अपने दिमाग में उसको सोचते हैं और फिर जवाब देते हैं, ठीक इसी तरह कंप्यूटर भी किसी चीज को इनपुट करता है फिर प्रोसेसिंग करता है और फिर जवाब देता है और अगर आप चाहे तो उसे भविष्य के लिए स्टोरेज कर सकते हैं।
Parts of computer in hindi – कंप्यूटर का पार्ट
आपने अगर कंप्यूटर case खोल कर देखा होगा तो उसके अन्दर आपको बहुत सारे छोटे छोटे parts दिखा होगा जो खाफी complicated लगता रहता है लेकिन वो actually में उतना complicated होता नहीं है। कंप्यूटर की सभी parts को उनके कार्य के आधार पर चार भागो में बता गया है जिसे Input device, Output device, Processor और Storage device कहा जता है।
जिस तरह अलग-अलग काम को करने के लिए हमारे बॉडी का अलग-अलग पार्ट है उसी तरह कंप्यूटर का भी अलग-अलग काम करने के लिए अलग-अलग पार्ट होता है। तो चलिए इन चारो parts के बारे में डिटेल में जानते हैं।
Input Device kya hota hai | इनपुट डिवाइस क्या होता है?
आप जिस किसी भी device के द्वारा कंप्यूटर को निर्देश के रूप में इनपुट देते हैं उसे Input device कहा जाता है। आसान भाषा में समझे तो Input device एक यैसे इलेक्ट्रॉनिक यंत्र है जिसके द्वारा आप कंप्यूटर में डेटा enter कर सकते हैं।
इनपुट device कंप्यूटर का एक महत्वपूर्ण part होता है जिसके बिना आप कंपूटर को कोई निर्देश नहीं दे सकते है या कंप्यूटर में कोई डेटा इंटर नहीं कर सकते है। जैसे- Keyboard, Mouse, Scaner, Microphone, Light Pen आदि input device का उदहारण है।
1. Keyboard kya hai?
Keyboard एक इनपुट डिवाइस है जिसे कंप्यूटर में data इंटर करने के लिए उपयोग किया जाता है। जैसा की नाम से ही पता चलता है की keyboard computer की चाभी होता है। keyboard का उपयोग computer में टाइपिंग करने के लिए किया जाता है। जब किसी का हाथ keyboard पर बैठ जाता है तो वो अच्छे से कंप्यूटर को चला लेता है। keyboard में बहुर सारे अलग-अलग तरह का keys होता है।
वैसे वो तिन प्रकार का keyboard layout होता है जिसे QWERTY keyboard, AZERTY keyboard और DVORAK keyboard आदि के नाम से जाना जाता है। लेकिन इस तीनो प्रकार के keyboard layout से कई और नये प्रकार के keyboard layout बनाया गया है।
Types of Keys in keyboard
Keyboard में लगभग 104 keys होता है और इस सभी keys को 6 भागो में बता गया है।
- Alphabets Keys – a to z or A to Z
- Numbers Keys – 0 to 9
- Special Keys – Spacebar key, Escape key, Caps Lock key, Enter key, Backspace key, Delete key, End key, Insert key, Tab key, Home key आदि।
- Function Keys – F1 to F12
- Control keys – Shift key, Ctrl key, Alt key, Windows key, Num Lock key, Pouse key, PrtScr key, Scroll bar आदि।
- Curser key – Left Arrow, Right Arrow, Up Arrow और Down Arrow आदि।
2. Mouse kya hai?
Mouse एक तरह का पॉइंटिंग डिवाइस है। स्क्रीन पर एक आइकन होता है जिसे माउस पॉइंटर या कर्सर कहा जाता है। किसी टेक्स्ट या किसी प्रोग्राम को पॉइंट करने लिए माउस का उपयोग किया जाता है।
किसी भी चीज को एक जगह से दूसरे जगह Drag & Drop करने के लिए भी माउस का उपयोग किया जाता है। मार्केट में तीन तरह के माउस मिलता है।
Types of Mouse
- ऑप्टिकल माउस (Optical Mouse)
- ट्रैक बॉल माउस (Track Ball Mouse)
- वायरलेस माउस (Wireless Mouse)
प्रतियेक माउस में तीन तरह का बटन होता है।
Types of Buttons in mouse
- Left Button – Left Button का उपयोग डबल क्लिक करके किसी भी प्रोग्राम को ओपन करने के लिए किया जाता है।
- Right Button -Right Button का उपयोग सिंगल क्लिक करके किसी भी प्रोग्राम की प्रॉपर्टीज को एक्सेस करने के लिए किया जाता है।
- Scroll Button – Scroll Button का उपयोग पेज Up और पेज Done करने के लिए किया जाता है।
3. Scanner kya hai?

Scanner एक इनपुट device है जिसका उपयोग किसी भी डॉक्यूमेंट, फोटो या पेपर को स्कैन करने के लिए किया जाता है।
4. Bar Code Reader kya hai?
किसी भी समान की मूल्य को स्कैन करने के लिए एक मशीन का उपयोग होता है जिसे बार कोड रीडर कह जाता है। आप मॉल में देखे होन्हे यैसा मशीन जिससे किसी भी प्रोडक्ट का एमआरपी एक्सेस किया जाता है।
5. Joystick kya hai?

Joystick का उपयोग विडिओ गेम के लिए किया जाता है और अल्ट्रा शोउन्द मशीन के अंडर किया जाता है।
6. Memory Card Reader, Debit Card & Credit Card Reader kya hai?
Memory Card Reader, Debit Card & Credit Card Reader ये सारे भी Input Device ही है।
7. MICR Machinekya hai?
Maginetic-ink character recognition (MICR) इस मशीन का उपयोग बैंक में किया जाता है। इस मशीन से मैकर चेक की नंबर को स्कैन किया जाता है।
8. OCR Machine क्या है?
Optical Character Recognition (OCR) इस मशीन से करैक्टर को डिजिटल फॉर्म में कन्वर्ट किया जाता है।
9. OMR Machine क्या है?
Optical Mark Recognition (OMR) इस मशीन के द्वारा ओएमआर सीट को रीड किया जाता है।
10. Web Camera & Microphone क्या है?
Web Camera & Microphone ये सारी चीजे भी इनपुट डिवाइस के अंडर ही उपयोग होता है।
Processing Device kya hota hai – प्रोसेसिंग डिवाइस क्या होता है?
Processing Device एक सिस्टम यूनिट है जो पूरी कंप्यूटर सिस्टम को कण्ट्रोल करता है। इसे कैबिनेट भी कहा है। इस सिस्टम यूनिट के अंदर बहुत सारा अलग-अलग पार्ट है जिस सब का अलग-अलग काम है।
1. Motherboard क्या है?
Motherboard सिस्टम यूनिट का सबसे हेड पार्ट होता है। मदरबोर्ड के बिना सिस्टम यूनिट चल नहीं सकता है। मदरबोर्ड पर एक CPU लगा होता है।
2. SMPS (Switched Mode Power Supply) क्या है?
SMPS का पूरा नाम Switching Mode Power Supply है। SPMS से पावर कण्ट्रोल होता है। SMPS, AC को DC में कन्वर्ट करता है।
AC – Alternate Current (प्रत्यावर्ती धरा)
DC – Direct Current (एकदिश धरा)
3. CPU (Central Processing Unit) क्या है?
CPU का पूरा नाम Central Processing Unit (केन्द्रीय प्रक्रमण इकाई) है। CPU कंप्यूटर का ब्रेन होता है जो मदरबोर्ड के ऊपर लगा होता है। CPU का दो पार्ट है –
ALU (Arithmetic and Logical Unit)- अर्थमेटिक और लॉजिकल कैलक्युलेशन्स को काम करने के लिए ALU भाग का उपयोग किया जाट है।
CU (Control Unit) – कंप्यूटर में जितने पार्ट लगे होते हैं उन सब का रिसोर्स मेनेजमैंट का काम CU द्वारा क्या जाता है।
4. RAM (Random Access Memory) क्या है?
RAM भी एक स्टोरेज डिवाइस होता है। RAM के बारे मैं आपको नीचे स्टोरेज डिवाइस में अधिक जानकारी दूंगा।
5. Hard Disk क्या है?
Hard Disk एक प्रकार का स्टोरेज डिस्क होता हैजिसमे डेटा को स्टोर करके रखा जाता है।
6. Optical Disk क्या है?
Optical Disk एक प्रकार का स्टोरेज डिस्क होता है।
7. Floppy Disk क्या है?
Floppy Disk एक प्रकार का स्टोरेज डिस्क होता है।
8. System Fan क्या है?

System fan का प्रयोग सिस्टम यूनिट को ठण्डा रखने के लिए किया जाता ताकि सिस्टम यूनिट हीट न हो।
9. Heat Sink क्या है?

Heat Sink का प्रयोग CPU को ठण्डा रखने के लिए किया जाता है।
Output Device kya hota hai | आउटपुट डिवाइस क्या होता है?
1. Monitor kya hai?
Computer का फर्स्ट और कॉमन आउटपुट डिवाइस मॉनिटर होता है। मॉनिटर CPU के द्वारा भेजे गए इनफार्मेशन को अपने screen पर प्रदर्शित करता है। मॉनिटर अलग-अलग प्रकार का होता है।
CRT Monitor – Cathode Ray Tube (CRT) Monitor पहले यूज़ किया था।
TFT Monitor – Thin Film Transistor (TFT) Monitor
LCD Monitor – Liquid Crystal Display (LCD) Monitor
LED Monitor – Light Emitting Diode (LED)
Plasma Screen
इस तरह का अलग अलग प्रकार का मॉनिटर मारकेट में मिलता है।
2. Printer kya hai?
प्रिंटर दो प्रकार के होते हे Impact Printer और Non-Impact Printer। प्रिंटर से जो हमे आउटपुट मिलता है उसे हम हार्ड कॉपी कहते है और कंप्यूटर में जो टेक्स्ट दीखता है उसे हम सॉप्ट कॉपी के नाम से जानते है।
प्रिंटर के रेजोल्युशन को एक यूनिट से मापा जाता है जिसे DPI ( Dot per Inch) के नाम जानते हैं। प्रिंटर की स्पीड को मापने के लिए पीपीएम (Page Per Minute – PPM) का उपयोग किया जाता है।
2.1 Impact Printer
A – Character Printer – Character printer के अंडर आता है डॉट मैट्रिक्स प्रिंटर और डेज़ी व्हील प्रिंटर
- Dot Matrix – डॉट मैट्रिक्स प्रिंटर (Dot Matrix Printer) के द्वारा डॉट-डॉट प्रिंटिंग किया जाता है। डॉट मैट्रिक्स प्रिंटर काम करते समय काफी आवाज करता है।
- Daisy Wheel – डेज़ी व्हील प्रिंटर (Daisy Wheel Printer) भी डॉट मैट्रिक्स प्रिंट्रर के तरह ही होता है इसमें व्हील लगा होता है।
B – Line Printer – Line Printer दो प्रकार होता है –
- Chain Printer
- Drum Printer
2.2 Non-Impact
A – Ink Jet Printer –
- इंक जेट प्रिंटर (Ink-Jet Printer) पर इंक का स्प्रे (Spray) किया जाता है फिर प्रिंट किया जाता है।
- इंक जेट प्रिंटर (Ink-Jet Printer) से कलर (Color) और ब्लैक & वाइट (Black & White) दोनों प्रिंट एक साथ ही निकाला जा सकता है।
B – Laser Printer –
- लेज़र प्रिंटर (Laser Printer) सबसे अच्छा प्रिंटर होता है।
- लेज़र प्रिंटर (Laser Printer) में प्रिंट करने के लिए फोटो सेन्सिटिव एलिमेंट (Photo Sensitive Aliment) का उपयोग किया जाता है।
- लेज़र प्रिंटर (Laser Printer) में टोनर (Toner) का उपयोग किया जाता है।
- लेज़र प्रिंटर (Laser Printer) ज्यातर ब्लैक & वाइट ही उपयोग किया जाता है लेकिन लेज़र फॉर्मेट में कलर प्रिंटर भी आता है जो काफी मेहगा होता है।
C – Thermal Printer
- थर्मल प्रिंटर (Thermal Printer) से स्पेशल पेपर पर प्रिंट किया जाता है (जैसे – आपने देखा होगा एटीएम (ATM) मशीन से जो रसिद्ध निकलता है वो स्पेशल पेपर होता है ) उस रसिद्ध को थर्मल प्रिंटर से प्रिंट किया जाता है।
- थर्मल प्रिंटर (Thermal Printer) में प्रिंट करने के लिए हीट एलिमेंट (Heat Aliment) का उपयोग किया जाता है।
3. Plotter क्या है?
प्लॉटर (Plotter) का उपयोग बड़े-बड़े मैप्स, पोस्टर, बैनर का प्रिंट करने के लिए किया जाता है।
4. Speaker & Headphones क्या है?
स्पीकर और हेडफोन्स (Speaker & Headphones) भी आउटपुट डिवाइस है। स्पीकर और हेडफोन्स के बारे में आपको पाता ही होगा की ये क्या होता है।
इस सब के अलाबा एक और डिवाइस होता है जिसे Multi-functional Device (बहुआयामी या बहुविकल्पीय उपकरण) कहा जाता है। जो इनपुट (Input) और आउटपुट(Output) दोनों का काम करता है। जैसे – यैसे मशीन जिसने Scan, Fax, Print और Xerox ये सारे काम एक ही मल्टी फंक्शनल मशीन से किया जाता हो।
Storage Device kya hai | स्टोरेज डिवाइस क्या है?
1. Memory क्या है?
Memory Computer में डेटा को स्टोर करने का काम करता है।
Types Of Memory
Computer में दो तरह का Memory उपयोग किया जाता है – Primary Memory और Secondary Memory.
Primary Memory
Primary Memory भी दो तरह का होता है, RAM और ROM.
1. RAM
- RAM का पूरा नाम Random Access Memory है।
- RAM में जो डेटा स्टोर किया जाता है उसे बिना क्रम के एक्सेस किया जा सकता है।
- RAM के डाटा को आप रीड (Read) और राइट (Write) दोनों कर सकते हैं।
- RAM में स्टोर डेटा कंप्यूटर की पावर ऑफ होने पर हट जाता है।
- RAM Versatile Memory यानि चेंजेबल मेमोरी होता है।
Types Of RAM :-
RAM (Random Access Memory) दो प्रकार होता है –
- SRAM (Static Random Access Memory) :- जब तक कंप्यूटर में पावर रहता है SRAM आपके कॉन्टेंट या डेटा को स्टोर करके रखता है। जैसे ही कंप्यूटर की पावर ऑफ होता है ये डेटा को हटा देता है। SRAM डेटा को बार – बार रिफ्रेश नहीं करता है।
- DRAM (Dynamic Random Access Memory) :- DRAM अपने डेटा को बार – बार कुछ समय के बाद रिफ्रेश करता रहता है जिससे कंप्यूटर की पावर ऑफ होने पर ये डेटा को हटाता नहीं है। DRAM तीन तरह का होता है –
- EDODRAM – Extended Date Out Dynamic Random Access Memory.
- SDRAM – Synchronous Dynamic Random Access Memory.
- DDRDRAM – Dauble Date Rate Dynamic Random Access Memory.
2. ROM
- ROM का पूरा नाम Read Only Memory है।
- ROM में जो डेटा स्टोर किया जाता है उसे बिना क्रम के एक्सेस नहीं किया जा सकता है।
- ROM के डेटा को आप सिर्फ रीड (Read) कर सकते हैं।
- ROM में स्टोर डेटा कंप्यूटर की पावर ऑफ होने पर हटता नहीं है।
- ROM Non Versatile Memory यानि चेंजेबल नहीं होता है।
Types Of ROM :-
ROM दो प्रकार का होरा है –
- PROM (Programmable Read Only Memory) :- PROM में लोड प्रोग्राम या डेटा को आप सिर्फ रीड कर सकते हैं।
- EPROM (Erasable Programmable Read Only Memory) :- ये भी PROM के तरह ही होता है। पर ये Re-writable होती है। लेकिन EOROM को Re-write करने के लिए इस Chips को Ultraviolet Light के अंदर रखना परता है।
- Flash Memory :- आज कल Flash Memory का उपयोग डिजिटल कैमरा (Digital Camera), MP3 Player आदि के अंदर किया जाता है।
Secondary Memory
Secondary Memory के अंदर डाटा को स्टोर करने के लिए अलग-अलग मेमोरी की उपयोग किया जाता है –
Types Of Secondary Memory
1. HDD (Hard Disk Drive)
C Drive, D Drive, E Drive आप इस का नाम सुना होगा आगे और भी अल्फाबेट हो सकता है या इससे कम भी हो सकता है। ये सब Hard Disk का पार्टीशन।
2. DVD/CD ROM
DVD – DVD का पूरा नाम Digital Versatile Disk है। DVD का Capacity 4.7 GB होता है। DVD दो तरह का होता है –
- DVDR (Digital Versatile Disk Read Only) – इसमें लोड डेटा को सिर्फ Read किया जा सकता है
- DVDRW (Digital Versatile Disk Read And Write) – इसमें लोड डेटा को Read और Write सकता है।
CD – CD का पूरा नाम Compact Disk है। CD की Capacity 650 MB से 700 MB तक होता है। CD दो तरह का होता है –
- CDR (Compact Disk Read Only) – इसमें लोड डेटा को सिर्फ Read किया जा सकता है
- CDRW (Compact Disk Read And Write) – इसमें लोड डेटा को Read और Write सकता है।
3. Blue Ray Disk :- आज कल मार्केट Blue Ray Disk ही ज़्यादा चलता है। इसकी Capacity 50 GB से 500 GB तक होता है।
4. Pendrive, Smart Media Card( Mini SD Card, Micro SD Card) :- ये सब Secondary Memory के अंदर ही आता है।
5. Optical Disk, Floppy Disk :- ये दोनों भी एक स्टोरेज डिवाइस है।
कंप्यूटर का लाभ
अभी के digital युग में कंप्यूटर कितना महत्वपूर्ण है ये हम सब लोग जानते है। कंप्यूटर अपनी कई सारी विशेषताओं के कारण ही आज हमारे ज़्यादातर कार्य की क्षेत्र में अपना योगदान दे रहा है। तो चलिए अब जान लेते हैं की कंप्यूटर से क्या-क्या लाभ होता है?
- कंप्यूटर से किसी भी कार्य को बहुत कम समय में किया जा सकता है।
- कंप्यूटर से दुनिया की किसी भी कोने में रहने वाले लोगो को इनफार्मेशन भेजा जा सकता है।
- कंप्यूटर के द्वारा बहुत जटिल से जटिल गणना को केवल कुछ सेकंड में किया जाता है और कंप्यूटर के द्वारा किये गए गणना 100% सही होता है।
- कंप्यूटर इन्सान की तरह थकती नहीं है, इसलिए इससे ज़यादा समय तक काम किया जा सकता है।
- कंप्यूटर में आप एक साथ कई कार्य कर सकते हैं।
- आप कंप्यूटर में data store करके रख सकते है और जरुरत परने पर उस data को दुबारा उपयोग कर सकते है।
कंप्यूटर का हानि
आप लोगो को पता ही होगा जिस तरह सीके के दो पहलु होते हैं उसी तरह हर चीज का लाभ होता है तो कुछ हनी भी होता है, उसी तरह कंप्यूटर का भी उपयोग करने से कुछ हनी होता है। तो चलिए जान लेते हैं की कंप्यूटर का उपयोग करने से क्या-क्या हानि होता है?
- लगातार कंप्यूटर पर काम करने से आपके आँख पर और आपके बॉडी पर इफ़ेक्ट डालता है जिससे आपको कई तरह का स्वास्थ से सम्बंधित समस्या हो सकता है।
- कंप्यूटर में prasonal और संवेदनशील data store करके रखने में रिस्की रहता है क्योंकि Hacker किसी virus के मदद से आपके कंप्यूटर में अशुचित पहुँच बना लेता है और आपको नुकशान पहुंचा सकता है।
- कंप्यूटर फ़ास्ट और एक साथ कई कामो को करने में सक्षम होता है इससे Employment opportunity घटौती होता है और बेरोजगारी बढता है।
कंप्यूटर की विशेषता क्या है?
गति (Speed)
कंप्यूटर किसी भी कार्य को बहुत फास्ट करता है। कंप्यूटर एक सेकंड में लाखों करोरों गणनायें कर सकता है। जिस काम को करने में कोई इंसान बर्षो लगा सकता है उस काम को कंप्यूटर केवल कुछ सेकंड में ही कर सकता है।
कंप्यूटर की speed को हर्ट्ज (Hz) में मांपा जाता है। वर्तमान समय में कंप्यूटर नैनों सेकंड में गणना कर सकता है। कंप्यूटर की काम करने की तीव्रता को प्रति सेकंड, प्रति मिलीसेकंड, प्रति मैक्रोसेकंड और प्रति नैनोंसेकंड इत्यादि में मांपा जाता है।
स्वचालन (Automation)
कंप्यूटर को हमारे द्वारा एक बार निर्देश देने पर जब तक कार्य पुरा नही होता है तब तक कंप्यूटर स्वचलित (Automation) रूप से कार्य करता ही रहता है।
उदाहरण स्वरूप आप एक बार अपने कंप्यूटर से पिंटर पर 100 पेज प्रिंट का कमांड दे देते हैं तो 100 पेज प्रिंट निकलने के बाद ही रुकेगा। जिस कार्य को करने के लिए कंप्यूटर को निर्देश दिया जाता है वो कार्य पुरा होने के बाद ही कंप्यूटर रुकता है।
सटीकता (Accuracy)
कंप्यूटर अपने कार्य को पूरी सटीकता (Accuracy) से करता है, कंप्यूटर के द्वार किया गया कार्य कभी गलत नहीं होता है, कंप्यूटर हमेशा सही परिणाम देता है।
कंप्यूटर प्रोग्रामिंग के आधार पर ही कार्य करता है। इसलिए कंप्यूटर के द्वारा किये गए गलती का कारण हमारे द्वारा गलत data Input करना होता है या प्रोगामिंग में कोई error हो सकता है, वैसे कंप्यूटर खुद से कोई गलती नही करती है।
सार्वभौमिकता (Versatility)
कंप्यूटर अपनी सार्वभौमिकता के कारण पूरी दुनिया में बहुत तेजी से अपना प्रभुत्व जमा रहा है। कंप्यूटर को अब गणितीय कार्यों के साथ साथ व्यवसायिक कार्यों को करने में भी उपयोग किया जाता है।
अभी के समय में कंप्यूटर का सभी क्षेत्र में उपयोग किया जाता है जैसे- स्कूल, कॉलेज, बैंक, रेलवे, Business, एरपोर्ट आदि। आधुनिक कंप्यूटर में सभी कार्य को करने की क्षमता होती है।
उच्य संग्रहण क्षमता (High storage capacity)
कंप्यूटर System में High Storage Capacity पाया जाता है यानी कंप्यूटर सिस्टम में बहुत अधिक data स्टोर करके रखने की क्षमता होती है, जिसमें आप बहुत सारे Data को स्टोर करके रख सकते हैं।
कंप्यूटर में सभी प्रकार के Data को स्टोर करके रखा जा सकता है, जैसे- Document, Picture, File, Video, Audio, Program, Game आदि। कंप्यूटर में data को वर्षो स्टोर करके रखा जा सकता है और जब चाहे उस data को उपयोग में लाया जा सकता है।
कर्मठता (Diligence)
कोई व्यक्ति किसी कार्य को कुछ घंटों करने के बाद थक जाता है, लेकिन कंप्यूटर में किसी भी कार्य को लगातार बिना रुके घंटों, महीनों या वर्षो तक करने की क्षमता होती है।
कंप्यूटर कितने भी दिनों तक लगातार कार्य करती रहेगी लेकिन उसके बाबजूद भी किसी काम में गलती नही करता है। कंप्यूटर को दिया गया किसी भी काम को करने में कंप्यूटर भेदभाव नही करती है।
Reliability (विश्वासनियता)
कंप्यूटर से जुरे सभी कार्य विश्वासनिये होता है। कंप्यूटर वर्षो तक कार्य करता रहता है और थकता नही है। कंप्यूटर में स्टोर data वर्षो बाद भी accurate रहता है क्योंकि कंप्यूटर की memory बहुत शक्तिसाली होती है।
याद रखने की क्षमता (Power of remembrane)
कोई व्यक्ति अपने जीवन में बहुत सारे काम, बहुत सारे बातें करता है लेकिन उसमे से केवल महत्वपूर्ण कामों या बातों को ही याद रखता है और वांकि भूल जाता है।
लेकिन कंप्यूटर की memory में स्टोर किये data को कंप्यूटर कभी नही भूलता है, अव्यसकता परने पर कंप्यूटर किसी भी Data को तुरंत उपलब्द कर देता है। कंप्यूटर की याद रखने की क्षमता बहुत अधिक होती है।
गोपनीयता (Secrecy)
कंप्यूटर में पासवर्ड का उपयोग करके के कंप्यूटर की data को गोपनीय बनाया जा सकता है। कंप्यूटर में पासवर्ड में द्वारा गोपनीय data को केवल वही व्यक्ति देख सकता है या बदल सकता है जिसको पासवर्ड मालूम होगा।
इसलिए आप अपने कंप्यूटर में किसी भी data को पासवर्ड की मदद से गोपनीय बना सकते हैं जिससे आपके data को कोई दूसरे व्यक्ति गलत तरीके से उपयोग नही कर सकता है।
कंप्यूटर सीखना क्यों जरुरी है?
हम सभी लोग जानते हैं की पूरी दुनिया अभी के समय में कंप्यूटर पर कितना निर्भर है। आज के समय में दुनिया में यैसा कोई क्षेत्र नहीं है जहाँ लोग अपने किसी कार्य को करने के लिए कंप्यूटर का उपयोग नहीं करता है।
यैसे में हर किसी के लिए कंप्यूटर का जानकारी होना बहुत जरुरी हो जाता है, सभी लोगो को कंप्यूटर का बेसिक ज्ञान तो होना ही चाहिए तभी आप किसी भी क्षेत्र में काम जोब पा सकते हैं। आज के समय में अधिकांस business टेक्नोलॉजी पर निर्भर है जिसमें कंप्यूटर का उपयोग किया जाता है, इसलिए कंपनियां चाहते हैं की उनके वर्कर्स को कंप्यूटर चलाना आना चाहिए।
इतना ही नहीं अगर आपको किसी विषय पर रिसर्च करना हो तो आप बहुत आसानी से कर सकते हैं या आपको कोई जानकारी चाहिए तो अप आसानी से कंप्यूटर में internet का use करके जानकारी पा सकते है।
अभी के समय में social media कितना popular है ये आप अच्छी तरह जानते हैं जो आपको अपने परिवार, दोस्त और पूरी दुनियां से जोर कर रखता है, लेकिन social media भी कंप्यूटर पर ही आधारित सेवा है।
आज के समय में आप घर बैठे कंप्यूटर का उपयोग करके online क्लास ले सकते हैं, online shopping कर सकते हैं और online काम भी कर सकते है। इसके अलावा कंप्यूटर सिखने का और भी बहुत सारा फायदा है, इसलिए हर किसी को कम से कम कंप्यूटर का बेसिक ज्ञान होना बहुत जरुरी है।
FAQ of Computer
कंप्यूटर क्या कार्य करता है?
कंप्यूटर user के द्वारा दिए गए निर्देश को data के रूप में इनपुट करता है और उस data को processing कर Information में बदल कर screen पर Output देता है या प्रदर्शित करता है।
कंप्यूटर की सभी कार्य को कौन नियंत्रित करता है?
कंप्यूटर की सभी कार्य को CPU नियंत्रित करता है। CPU का full form Central processing unit होता है। CPU कंप्यूटर का Brain होता है।
कंप्यूटर की परिभाषा क्या है? या Computer kya hai?
कंप्यूटर एक इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस है, जिसका उपयोग गणना करने, Data को store करने और उस Data को प्रदर्शित करने के लिए किया जाता है।
Conclusion / निष्कर्ष –
आपने इस आर्टिकल में जाना की Computer kya hai?, कंप्यूटर का full form क्या होता है?, कंप्यूटर कैसे कार्य करता है?, कंप्यूटर का अविष्कार किसने किया?, types of computer in hindi, parts of computer in hindi, कंप्यूटर का उपयोग कहाँ-कहाँ होता है?, कंप्यूटर की पीढ़ी और कंप्यूटर का उपयोग करने क्या लाभ और क्या हानि होता है? साथ में आपने ये भी जाना की कंप्यूटर सीखना क्यों जरुरी है?
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