दोस्तों आज के इस आर्टिकल “Software क्या है” में मैं आपको सॉफ्टवेर के बारे में पूरी जानकारी हिंदी में देने वाला हूँ जिसे पढने के बाद आप आसानी से सॉफ्टवेर के बारे में समझ आजायेगा। इसमें आप जानेंगे की सॉफ्टवेर क्या है, सॉफ्टवेर कितने प्रकार के होते हैं, सॉफ्टवेर कैसे बनाया जाता है और सॉफ्टवेर क्या काम करता है?
अगर आप एक Computer Science का Student हैं या आप technology और computer के बारे में जानकारी लेना चाहते हैं तो ये आर्टिकल “Software क्या है” आपके बहुत काम का है। इसलिए आपसे अनुरोध है की इस जानकारी को शुरुआत से लेकर अंत तक अवश्य पढ़े और अगर ये जानकारी आपको सही लगे तो अपने दोस्तों को अवश्य शेयर करें ताकि उन्हें भी ये जानकारी मिल सके।
आपके जानकारी “Software क्या है” के लिए बता दूं की कंप्यूटर दो चीज पहला हार्डवेयर और दूसरा सॉफ्टवेर से मिलकर बनता है। यानि कंप्यूटर एक Body होता है जिसमे हार्डवेयर कंप्यूटर Body के पार्ट्स के रूप में काम करता है और सॉफ्टवेर Body के पार्ट्स को कंट्रोल करने का काम करता है।
उदहारण स्वरुप, कंप्यूटर किसी इन्शान की Body है जैसे इन्शान की Body में हाथ, पैर, आँख, नाक, मुँह, कान आदि होता है वो कंप्यूटर body में हार्डवेयर हो गया। जिस प्रकार इन्शान को ज्ञान की जरुरत होता है, उसे सब कुछ सिखाया जाता है और अपने ज्ञान और क्षमता के अनुशार इन्शान काम करता है उसी प्रकार कंप्यूटर body में भी किसी भी कार्य को करने के लिए कंप्यूटर के अंदर सॉफ्टवेर डाला जाता है और सॉफ्टवेर की अनुशार ही कंप्यूटर कार्य करता है।
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Software क्या है? (What is Software in hindi)
सॉफ्टवेर बहुत सारे programs का एक सेट होता है जो कंप्यूटर को किसी विशेस कार्य को पूरा करने के लिए निर्देश स्थापित करता है। सॉफ्टवेयर हार्डवेयर को यह निर्देश देता है की उसे क्या करना है, कैसे करना है और कब करना है।

सॉफ्टवेयर कंप्यूटर का यैसा भाग होता है जिसे स्पर्श नहीं किया जा सकता है यानि सॉफ्टवेयर को हाथ से छुआ नहीं जा सकता है क्योंकि सॉफ्टवेयर की कोई भौतिक अस्तित्व (Physical Existence) नहीं होता है, सॉफ्टवेयर एक आभासी बस्तु (Virtual Object) है।
MS Excel, MS Word, MS PowerPoint, Windows, Linux, MAC, Android, Google Chrome, Photoshop, VLC Player आदि, ये सभी एक प्रकार के सॉफ्टवेयर हैं जिसका उपयोग कंप्यूटर सिस्टम में अलग अलग कार्य करने के लिए किया जाता है।
सॉफ्टवेर की परिभाषा
सॉफ्टवेयर प्रोग्रामों, नियमों और क्रियाओं का एक समूह है जो कंप्यूटर सिस्टम के कार्यों को नियंत्रित करता है तथा कंप्यूटर के विभिन हार्डवेयर के बीच संबंध स्थापित करता है, ताकि किसी भी विशेष कार्य को पूरा किया जा सके।
सॉफ्टवेर कितने प्रकार का होता है?
कंप्यूटर सॉफ्टवेयर का उपयोग बहुत सी कामों के लिए किया जाता है जिसमे अनेक प्रकार के सॉफ्टवेयर का उपयोग किया जाता है। कंप्यूटर सॉफ्टवेयर मुख्य रूप से दो प्रकार के होते हैं जो पहला System Software और दूसरा Application software है।
सिस्टम सॉफ्टवेयर और एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर के भी विभिन प्रकार है इसलिए इसके बारे में और बिस्तार से जान लेते हैं की सिस्टम सॉफ्टवेयर क्या है और एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर क्या है? इसके विभिन प्रकार के बारे में भी जानेंगे।
1. System Software क्या है?
सिस्टम सॉफ्टवेयर वो सॉफ्टवेयर होता है जो कंप्यूटर के Background में चलता है और कंप्यूटर सिस्टम को कंट्रोल और मैनेज करने का काम करता है यानि सिस्टम सॉफ्टवेयर कंप्यूटर सिस्टम में Background process को संभालता है। कंप्यूटर में सबसे पहले सिस्टम सॉफ्टवेयर ही install किया जाता है।
Operating System, Utility Program और Language Translator ये सभी सिस्टम सॉफ्टवेयर के उदहारण है। आइये इसके बारे में विस्तार से जानते हैं।
1. Operating System – Operating System यैसा सॉफ्टवेयर होता है जो User और computer के बिच में Interface Create करता है यानि सिस्टम सॉफ्टवेयर एक जरिया होता है जिसके माध्यम से User कंप्यूटर से Interact करता है या यूजर और कंप्यूटर में संबंध स्थापित होता है।
Operating System किसी कंप्यूटर सिस्टम का महत्वपूर्ण सॉफ्टवेयर होता है। Windows, Mac, Linux, Unix, Android आदि operating system software है जो कंप्यूटर की Background में process करता रहता है।
2. Utility Program – Utility Program एक यैसा system software होता है जो सिस्टम की Resources को मैनेज करता है यानि Utility program का प्रयोग कंप्यूटर में सपोर्ट, सुधारने और बैकअप लेने के लिए किया जाता है।
Anti Virus, Disk formator, Disk Cleanup, Backup आदि Utility program सॉफ्टवेयर का उदहारण है जो पहले से कंप्यूटर में होता है।
3. Language Translator – कंप्यूटर में इसलिए Language Translator को उपयोग किया जाता है क्योंकि कंप्यूटर हाई लेबल Language को नहीं समझता है यानि हमलोग जो कंप्यूटर में कोई word enter करते हैं या कंप्यूटर को कोई निर्देश देते हैं तो उसे कंप्यूटर नहीं समझता है।
Language translator हमारे द्वारा दिए गए निर्देश को machine language या computer की language में बदल देता जिसे कंप्यूटर समझ जाता है। Compiler, Assembler, Interpreter आदि language translator software का उदहारण है।
4. Device Drivers – Device Driver एक विशेष प्रोग्रामिंग सॉफ्टवेयर होता है जो कंप्यूटर सिस्टम में इनपुट और आउटपुट device को connect करने का काम करता है। अगर कंप्यूटर सिस्टम में कोई भी इनपुट या आउटपुट device ड्राईवर install नहीं रहेगा तो वो device कंप्यूटर में connect नहीं होगा।
जितने भी इनपुट और आउटपुट device होते हैं उन सभी को connect करने के लिए कंप्यूटर में device ड्राईवर install करना परता है। लेकिन कंप्यूटर में जितने भी इनपुट आउटपुट device जोर जाता है उन सभी का ड्राईवर एक ही बार में install हो जाता है, किसी भी ड्राइव ड्राईवर को अलग से install नहीं करना परता है।
अगर कोई device ड्राईवर काम नहीं करता रहता है तो यैसे इस्थिति में उस device ड्राईवर को uninstall करने फीर से install करना परता है।
2. Application Software क्या है?
Application software वो सॉफ्टवेयर होता है जो यूजर अपने जरुरत के हिसाब से अपने कंप्यूटर में install करते हैं। Application सॉफ्टवेयर को चलाने के लिए सिस्टम सॉफ्टवेयर की आवयश्कता परता है क्योंकि कंप्यूटर में जब तक operating सॉफ्टवेयर नहीं होगा तब तक Application software install नहीं होगा।
Application सॉफ्टवेयर के बिना आप कंप्यूटर में कोई भी कार्य नहीं कर सकते हैं क्योकि कंप्यूटर में किसी भी कार्य को करने के लिए एक विशेष Application software की जरुरत परता है। MS Word, MS Excel, MS PowerPoint, MX Player, Medial player आदि Application software की कुछ उदहारण है।
Application software भी दो तरीके के होते हैं पहला General Useful Application (सामान्य उपयोगी एप्लीकेशन) और दूसरा Special Useful software (विशेष उपयोगी एप्लीकेशन)। आइये इस दोनों प्रकार के एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर के बारे में बिस्तार से जान लेते हैं।
1. General Useful Application (सामान्य उपयोगी एप्लीकेशन) – कुछ यैसे एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर हैं जिसका सामान्य उपयोग किया जाता है यानि एक ही एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर में कई प्रकार के कार्य किये जाते हैं और यैसे सॉफ्टवेयर को रोजमर्रा की कार्यों के लिए उपयोग किया जाता है।
यैसे एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर को किसी एक काम की उदेश्य से नहीं बनाया जाता है बल्कि यैसे सॉफ्टवेयर में बहुत सारे कार्य किया जाता है और यैसे सॉफ्टवेयर का उपयोग करना अभी के समय में सबको अबश्य आना चाहिए।
मैं आपको उदहारण के लिए कुछ सामान्य उपयोगी एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर बारे में निचे बता देताया हूँ-
- मल्टीमीडिया सॉफ्टवेयर
- स्प्रेडशीट सॉफ्टवेयर
- प्रेजेंटेशन सॉफ्टवेयर
- डॉक्यूमेंट सॉफ्टवेयर
- ग्राफ़िक डिजाईन सॉफ्टवेयर
- वेब डिजाईन सॉफ्टवेयर
2. Special Useful software (विशेष उपयोगी एप्लीकेशन) – यैसे सॉफ्टवेयर जिसको किसी विशेष कार्य करने के लिए ही बनाया जाता है उसे विशेष उपयोगी एप्लीकेशन कहा जाता है। यैसे एप्लीकेशन को किसी विशेष कार्य को करने के उदेश्य ही से बनाया जाता है।
यैसे एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर को आप सीखते हैं तो आप उस सॉफ्टवेयर पर उसी कार्य को कर पाएंगे जिसके उदेश्य से सॉफ्टवेयर बना होगा।
मैं आपको उदाहरण के लिए कुछ यैसे विशेष उपयोगी एप्लीकेशन के बारे में निचे बताया हूँ-
- एकाउंटिंग सॉफ्टवेयर
- बिलिंग सॉफ्टवेयर
- रिजर्वेशन सॉफ्टवेयर
- रिपोर्ट कार्ड जनरेटर सॉफ्टवेयर
- पेरोल मैनेजमेंट सॉफ्टवेयर
सॉफ्टवेयर कैसे बनाया जाता है?
सॉफ्टवेयर को यैसे व्यक्ति बनाता है जिसे Programming की knowledge होता है इसलिए सॉफ्टवेयर बनाने वाले को programmer कहा जाता है। सॉफ्टवेयर बनाने के लिए Program को बहुत सारे प्रोग्रामिंग language सीखना परता है जैसे HTML, C++, JAVA, CSS आदि कुछ programming language है।
बिना programming language सीखे हुए सॉफ्टवेयर develop नहीं किया जा सकता है क्योंकि सॉफ्टवेयर develop करना थोरा कठिन है। अगर आप सॉफ्टवेयर develop बनना चाहते हैं तो आपको बहुत सारे कोडिंग सीखना परेगा।
सॉफ्टवेयर की आवयश्कता क्यों परता है?
कंप्यूटर चालू करने के लिए उसमे operating system, Utility program, Device Driver और language translator जैसे सिस्टम सॉफ्टवेयर डालना परता है यानि कंप्यूटर सिस्टम को चालू करने से लेकर और उसमे किसी भी छोटे से छोटे कार्य को करने के लिए सॉफ्टवेयर की आवयश्कता परता है।
कंप्यूटर में कोई भी हार्डवेयर तभी काम करेगा जब कंप्यूटर में सिस्टम सॉफ्टवेयर डाला जायेगा। बिना सॉफ्टवेयर के कंप्यूटर एक खाली डिब्बा है क्योंकि कंप्यूटर सॉफ्टवेयर के बिना कोई काम करेगा।
कंप्यूटर में हर एक काम के लिए अलग अलग सॉफ्टवेयर डाला जाता है जैसे की कंप्यूटर सिस्टम को काम करने के लिए सिस्टम सॉफ्टवेयर डाला जाता है और कंप्यूटर में कोई भी काम करने के लिए Application software डाला जाता है। कंप्यूटर में application सॉफ्टवेयर यूजर अपने कार्य के जरुरत के हिसाब से डालते हैं।
Conclusion / निष्कर्ष
दोस्तों मैं उमीद करता हूँ की आपको ये आर्टिकल “Software क्या है” अच्छा लगा होगा और सॉफ्टवेर के बारे दिए गए जानकारी आपको सही से समझ आ गया होगा। अगर आप इस आर्टिकल को शुरुआत से लेकत अंत तक पढ़े होंगे तो आपको सॉफ्टवेर की पूरी जानकारी समझ में आगया होगा।
वैसे तो मैं इस आर्टिकल “Software क्या है” में सब कुछ सही सही और आसान भाषा में समझाने की कोशिश किया हूँ फीर भी आपको लगे की इस आर्टिकल में कुछ गलती है या कुछ छुट गया है तो आप मुझे कमेंट करके बताइए, मैं उस गलती को तुरंत शुधारने की कोशिश करूँगा।
इस आर्टिकल “Software क्या है” को पढने के बाद आपके मन में कोई प्रश्न आया हो तो आप मुझे कमेंट में पूछ सकते हैं या मेरे इस ब्लॉग rahiweb.com के Contact Us पेज में जाकर मुझे contact कर सकते हैं। इस आर्टिकल “Software क्या है” को शुरुआत से लेकर अंत तक पढने के लिए आपका बहुत बहुत धन्यवाद।
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